
माते गायत्री, सिंहारूढ भगवती - महिषासुरमर्दिनी,क्षमस्व चण्डिके |जय दुर्गे, अखिल विश्व की जननी मॉंउदे, उदे, उदे, उदे, उदे ॥ १ ॥प्रतिपदा, घोररूप महाकाली - असुरों को भयकारी,रक्ष चण्डिके |जय दुर्गे, अखिल विश्व की जननी मॉंउदे, उदे, उदे, उदे, उदे ॥ २ ॥द्वितीया, कनकांगी महालक्ष्मी - सर्वविघ्ननाशिनी,रक्ष चण्डिके |जय दुर्गे, अखिल विश्व की जननी मॉंउदे, उदे, उदे, उदे, उदे ॥ ३ ॥तृतीया, महासरस्वती राज्ञी - सर्वरोगनाशिनी,रक्ष चण्डिके |जय दुर्गे, अखिल विश्व की जननी मॉंउदे, उदे, उदे, उदे, उदे ॥ ४ ॥चतुर्थी, रक्तदन्तिका योगिनी - असुररक्तप्राशिनी,रक्ष चण्डिके |जय दुर्गे, अखिल विश्व...