कर्पूरगौरा गौरीशंकरा आरती करू तुजला |
नामस्मरणे प्रसन्न होऊनी पावसि भक्ताला ॥ धृ ॥ कर्पूरगौरा |
धवळा नंदी वाहन शोभे अर्धांगी गौरा
जटामस्तकी वास करीतसे गंगा सुंदरा ॥ १ ॥
कर्पूरगौरा |
त्रिशूळ डमरू शोभत हाती गळा रुद्रमाला |
उग्र विषातें पिऊन रक्षिसी देवा दिगपाला ॥ २ ॥
कर्पूरगौरा |
तृतीय नेत्री निघते क्रोधे प्रलयाची ज्वाळा |
नमिति तुजला सुरवर ऐसा शंकर तू भोळा ॥ ३ ॥
कर्पूरगौरा |
सदया सगुणा गौरीरमणा मम संकट वारी |
मोरेश्वरसुत वासुदेव हरि स्मरती अंतरी ॥ ४ ॥
कर्पूरगौरा |
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