Monday, 18 August 2014

१७. ॐ जय हनुमन्त महाबल


ॐ जय हनुमन्त महाबल,  सखा बंधु स्वामी
प्रभु सखा बंधु स्वामी  |
अंतर्ज्योत जलाओ,  अंतर्ज्योत जलाओ  |
जय अंतर्यामी ॐ जय हनुमन्त हरे  ॥ धृ ॥

नूतन युग अधिनायक,  नूतन पथ दाता  |
प्रभु नूतन पथ दाता  |
मानवमुक्तिविधायक,  मानवमुक्तिविधायक
विश्व सकल गाता  | ॐ जय हनुमन्त हरे  ||

सौम्य वदन अतिसुंदर,  मंगल मितभाषी  |
प्रभु मंगल मितभाषी
सौम्य स्वरूप सनातन,  सौम्य स्वरूप सनातन
सहृदय सुखराशि  | ॐ जय हनुमन्त हरे  ||

प्रचंड बजरंगी बाहुथी,  असुर दलो थथरे
प्रभु असुर दलो थथरे  |
रंक जनो आतंके,  रंक जनो आतंके
तब एके उगरे  | ॐ जय हनुमन्त हरे  ||

सर्व लोकमा अगाध गति तव,  ज्ञान अगाध अपार,
प्रभु ज्ञान अगाध अपार  |
परब्रह्म पुरुषोत्तम केरा,  परब्रह्म पुरुषोत्तम केरा,
प्रगट प्रेम साकार  | ॐ जय हनुमन्त हरे  ||

राजधर्म सेवानुं संगम,  अभिनव रचो अनंत  |
प्रभु अभिनव रचो अनंत  |
मिलींत कंठे मानव सहुगावे,
मिलींत कंठे मानव सहुगावे  |
जय जय जय हनुमन्त  | ॐ जय हनुमन्त हरे  ||

१६.येई हो विठ्ठले माझे


येई हो विठ्ठले माझे माउलीये  ॥

निढळावरी कर ठेवुनि वाट मी पाहें  ॥ धृ ॥


आलिया गेलिया हातीं धाडी निरोप  ॥

पंढरपुरी आहे माझा मायबाप  ॥ १ ॥

येई हो विठ्ठले...


पिवळा पीतांबर कैसा गगनी झळकला  ॥

गरुडावरी बैसोनि माझा कैवारी आला  ॥ २ ॥

येई हो विठ्ठले...


विठोबाचे राज्य आम्हां नित्य दिपवाळी  ॥

विष्णुदास नामा जीवें भावें ओवाळी  ॥ ३ ॥

येई हो विठ्ठले...


असो नसो भाव आम्हां तुझिया ठाया  |

कृपादृष्टि पाहे माझ्या पंढरीराया  ॥ ४ ॥

येई हो विठ्ठले...

१५. जय देवी सप्तश्रृंगा अंबा गौतमी


जय देवी सप्तश्रृंगा अंबा गौतमी गंगा
नटली ही बहुरंगा उटी शेंदुर अंगा
जय देवी सप्तश्रृंगा  ॥ धृ ॥

पूर्व मुख अंबे ध्यान जरा वाकडी मान
मार्कंडेय देई कान सप्तशतीचे पान
एके अंबा गिरि श्रृंगा,  अंबा गौतमी गंगा
जय देवी सप्तश्रृंगा  ॥ १ ॥

माये तुझा बहु थाट देई सगुण भेट
प्रेम पान्हा एक घोट भावे भरले पोट
करू नको मनभंगा,  अंबा गौतमी गंगा
जय देवी सप्तश्रृंगा  ॥ २ ॥

महिषीपुत्र म्हैसासुर दृष्टी कामे असुर
करि दाल समशेर क्रोधे उडविली शिर
शिवशक्ती शिवगंगा,  अंबा गौतमी गंगा
जय देवी सप्तश्रृंगा  ॥ ३ ॥

निवृत्ति हा राधासुत अंबे आरती गात
अठराही तुझे हात भक्तां अभय देत
चरणकमल मनभंगा,  अंबा गौतमी गंगा
जय देवी सप्तश्रृंगा  ॥ ४ ॥

१४. जय जय भवानी, मनरमणी


जय जय भवानी,  मनरमणी,  मातापुरवासिनी  |
चवदा भुवनांची स्वामिनीमहिषासुरमर्दिनी  |
जय जय भवानी  धृ

नेसूनि पाटाऊपिवळा हार शोभती गळा  |
हाती घेऊनिया त्रिशूळा भाळी कुंकुम टिळा 
जय जय भवानी 

अंगी लेवूनिया काचोळीवर मोत्याची जाळी  |
हृदयी शोभतसे,  पदकमळी कंठी हे गरसोळी 
जय जय भवानी 

पायी घागरियाघूळघूळ नाकी मुक्ताफळ  |
माथा केश हे कुरळनयनीही काजळ 
जय जय भवानी   

सिंहावरी तू बैसून मारिसी दानवगण  |
तुजला विनवितीनिशिदिन गोसाविनंदन 
जय जय भवानी 

 
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